बदलती जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें, जरूरत से ज्यादा तनाव और एक्सरसाइज की कमी के कारण दिल संबंधी रोग लोगों में तेजी से बढ़ रहे हैं। आपका दिल मांसपेशियों से बना एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर के सभी अंगों तक ब्लड की सप्लाई करता है। दिल को रक्त प्रवाहित करने वाली धमनियों में जब रूकावट आती है तो दिल के जिस हिस्से में रक्त नहीं प्रवाहित होता है, उस खास हिस्से की मांसपेशियां मरने लगती हैं। जिससे दिल को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है। ब्लड न मिलने के कारण मांसपेशियों के मरने या दिल के किसी खास हिस्से के निष्क्रिय हो जाने को ही हार्ट अटैक कहते हैं। दुनियाभर में दिल की बीमारियों से मरने वाले लोगों में ज्यादातर की मौत का कारण हार्ट अटैक ही होता है। अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको अपनी आदतों में कुछ बदलाव करना पड़ेगा और कुछ अच्छी आदतें अपनानी पड़ेंगी।
कोलेस्ट्रॉल को अपने दिल के करीब न फटकने दें। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों और डाइट पर विशेष ध्यान दीजिए।
धूम्रपान से दूरी
जिनको धूम्रपान के कारण हार्ट अटैक हुआ था वो धूम्रपान बिलकुल न करें। रोम के सैन फिलिप्पो नेरी हॉस्पिटल के फ्यूरियो कोलिविच्ची ने अपने शोध में पाया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद जो मरीज धूम्रपान फिर से शुरू कर देते हैं उनके साल भर के अंदर मरने का अंदेशा होता है।
नियंत्रित रखें वजन
मोटापा भी ब्लॉकेज बढ़ा सकता है। इसलिए अपनी उम्र और लंबाई के हिसाब से अपना आदर्श भार पता लगाएं और उस भार को पाने और फिर बनाए रखने के लिए मेहनत करें। बीएमआई 25 से ज्यादा और कमर का माप 34 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
शुगर को नियंत्रित रखें
शुगर के रोगियों में धमनियों में रक्त का थक्का बनने की संभावना काफी अधिक होती है। यदि मरीज को शुगर है तो शुगर को नियंत्रित करने वाली दवा लेना बहुत जरूरी होता है।
ड्राई फूड को शामिल करें
नट्स रक्त वसा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में आपकी मदद करते हैं। इसमें विटामिन ई, मैगनीशियम, फाइबर व पोटेशियम आदि होते हैं जो ह्दय के लिए सुरक्षा तत्व का काम करते हैं। हार्ट अटैक से बचने के लिए तली-भूनी चीजों और नमक का कम सेवन करना चाहिए।
जैतून के तेल का इस्तेमाल
खाने में तेल के इस्तेमाल से ब्लॉकेज तेजी से बढ़ता है, इसलिए तेल कम-से-कम इस्तेमाल करें। वैसे भी, तेल में अपना कोई स्वाद नहीं होता। अगर आपको तेल का इस्तेमाल करना ही हैं तो जैतून के तेल का प्रयोग करें। जैतून के तेल में फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है जो ह्दय रोग का खतरा कम करती है।
नियमित एक्सरसाइज़
नियमित रूप से आधे घंटे तक वॉक, योग व व्यायाम और भोजन में रेशेदार चीजों को शामिल आप आसानी से दूसरी बार आने वाले अटैक के खतरे से बचे रह सकते हैं।