मूंगफली का तेल
मूंगफली के तेल में सेचुरेटेड, मोनोसेचुरेटेड और पॉलीसेचुरेटेड फैट का संतुलित अनुपात पाया जाता है। दूसरे तेलों के मुकाबले यह तत्व दिल की बीमारियों से काफी हद तक बचाव करने में मदद करते हैं। मूंगफली के तेल में प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट्स कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में सहायक होते हैं। यह बॉडी में एचडीएल स्तर को कम किए बिना बुरे कॉलेस्ट्रोल (एलडीएल) को घटाते हैं।
नारियल का तेल
नारियल के तेल का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन ए, बी, सी और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ब्लड़ प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए नारियल का तेल बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो दिल की गतिविधियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है। इसके अलावा यह कोलेस्टॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे दिल की बीमारियों को खतरा कम होता है।
तिल का तेल
तिल के तेल को काले और सफेद तिल के बीज से निकाला जाता है। इस तेल मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और लेसिथिन का बहुत अच्छा स्रोत है। तिल का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। यह आपके दिल पर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित बनाये रखने में मदद करता है इसलिए तिल के तेल को हृदय रोगियों को लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जैतून का तेल
जैतून का तेल स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेल है। इस तेल के उपयोग से हृदय रोग जैसी बीमारियों से रक्षा हो सकती है। जैतून के तेल में फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है जो हृदय रोग के खतरों को कम करता है। इसके अलावा इसमें संतृप्त वसा की मात्रा कम होती है, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे हृदयाघात का खतरा काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है।
अलसी का तेल
अलसी के तेल में काफी तरह के पोषक तत्वों के अलावा ओमेगा 3 और लिगनेन्स नामक एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होता हैं। यह घुलनशील और अघुलनशील, दोनों तरह के फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। दिल को दुरुस्त रखने में अलसी का उपयोग काफी कारगर साबित होता है। अनियमित खानपान व वसा युक्त खाने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है। अलसी का तेल वसा रहित होता है इसलिए इसमें बना खाना दिल के रोगों से दूर रखने में मदद करता है।
अखरोट का तेल
अखरोट में ओमेगा- 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है। प्राचीन काल से ही अखरोट को स्वास्थ्य लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अखरोट में कई ऐसे गुण है जो दिल के लिए बहुत लाभकारी होता है। अखरोट के तेल से हृदय के विकार लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। इससे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। अखरोट में कैलोरी की अधिकता होने के बावजूद इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ता और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
सरसों का तेल
सरसों के तेल का इस्तेमाल स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दिल की बीमारी के जोखिम को लगभग 70 प्रतिशत कम कर सकता है। सरसों शोध एवं संवर्धन कन्सोर्टियम (एमआरपीसी) के अनुसार सरसों का तेल दिल की बीमारी के जोखिम को कम करता है और संतुलित आवश्यक फैटी एसिड अनुपात से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाता है।
सूरजमुखी का तेल
सूरजमुखी का तेल का तेल विटामिन ई का भंडार है। इसमें सेचुरेटेड फैट बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है। सूरजमुखी का तेल चाहे वह रिफाइंड हो या अनरिफाइंड, दोनों ही तरह से दिल के लिए फायदेमंद माना जाता हैं। इसमें सही मात्रा और सही अनुपात में मौजूद मोनो और पॉलीसेचुरेटेड फैट के कारण यह कॉलेस्ट्रोल लेवल को कम रखता है
बादाम का तेल
बादाम के तेल का रोजाना प्रयोग करने से हमारा शरीर तंदरूस्त रहता है। बादाम खाने से दिमाग तेज होता है। बादाम के तेल का रोजाना प्रयोग बुद्धि और नसों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। यह पेट की तकलीफों को दूर करने के साथ आंत का कैंसर होने से बचाता है। बादाम तेल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। यानी यह दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है।
वनस्पति तेल
वनस्पति तेल को घी की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्य वर्धक माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 जैसे तत्त्व होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी माने जाते हैं। अब वनस्पति तेल का एक और फायदा सामने आया है। इसमें कहा गया है कि प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए वनस्पति तेल,घी या अन्य पशु उत्पाद तेल की जगह वनस्पति तेल का इस्तेमाल करें और कैंसर को फैलने से रोकें। वनस्पति तेल के इस्तेमाल से आपकी उम्र भी बढ़ जाएगी।