बिना पर्ची के दवाइयां लेना नहीं होगा आसान

नई दिल्ली। बिना पर्ची के दवाइयों की बिक्री पर अब पाबंदी लगायी जाएगी। एक सर्वे में 50 फीसद लोगों ने यह स्वीकार किया कि वे किसी भी दवा को आसानी से खरीद सकते हैं।
सर्वे के मुताबिक सरकार ने मरीजों की सुक्षा के लिए 1940 के ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट को बंद करने की तैयारी की तब 50 फीसद से अधिक लोग बिना पर्ची के दवा खरीदते हैं और 36 फीसद तो केमिस्ट से बिल लेने की भी चिंता नहीं करते।
कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन एंड ब्यूरो ऑफ रिसर्च ऑन इंण्ड्स्ट्री एंड इकोनॉमिक फंडामेंटल्स (ब्रिफ) ने कंज्यूमर सर्वे के परिणामों के बाद दावा किया कि कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
5,000 लोगों पर किए गए सर्वे से पता चला कि मार्केट से मरीजों की सुरक्षा के कुछ मूल पहलू बिल्कुल गायब हो गए हैं। साथ ही यह भी पता चला कि बोर्ड पर क्वालीफाईड फार्मासिस्ट नहीं होने से, दवाओं, डोज, उपयोगिता आदि के बारे में उचित काउंसलिंग नहीं होने के अलावा पर्ची पर बताये दवाओं के सब्सटीट्यूट आदि जैसे उदाहरण आमतौर पर दिखता है।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, बिना पर्ची के दवाओं की खरीद से स्व-उपचार जैसे प्रयासों को बढ़ावा मिला और इससे पब्लिक हेल्थ को काफी खतरा है। बिना बिल की दवाइयां खरीदने से नकली दवाइयों का प्रसार बढ़ा है।
कंजयूमर एक्टिविस्ट व फाउंडर बिजोन मिश्रा ने कहा, ‘मौजूदा ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट के लिए सख्ती बरतने की आवश्यकता है।‘ दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के लिए गाइडलाइंस स्थापित करने को लेकर सब-कमेटी का गठन किया गया है।
from Dainik Jagran